Fundamental Analysis क्या है और कैसे करे – हेलो मेरे प्यारे दोस्तो! आशा करता हु की आप लोग बिलकुल ठीक ही होगे। दोस्तो अगर आप भी शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते है या इन्वेस्ट करने के बारे में सोच रहे है तो यह पोस्ट आपके लिए है।
दोस्तो अगर आप एक शेयर मार्केट के शुरुआती निवेशक है तो आपको पता ही होगा की शुरुआत में अच्छे शेयर ढूढना बहुत कठिन होता है, तो आज हम उसी कठिनाई को दूर करने का तरीका लेकर आए हैं, तो वो ट्रिक का नाम है फंडामेंटल एनालिसिस या मौलिक विश्लेषण।
आप इस तरीके का उपयोग करके इन्वेस्ट करने के लिए अच्छे शेयर ढूंढ सकते है। दोस्तो इस तरीके का उपयोग शेयर खरीदने से पहले किया जाता है। आप इस तरीके का उपयोग करके पता लगा सकते है की शेयर की वर्तमान प्राइस कितन है और आने वाले समय में कितना रहेगा
और आप इसका प्रयोग करके दुसरे बाजार जैसे कमोडिटी और केरेंशी का प्राइस पता लगा सकते है। और इससे आप बहुत कुछ कर सकते है। लेकिन अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा की फंडामेंटल एनालिसिस कैसे करे तो आज की इस लेख में हम आपको यही बताएंगे।
तो चलिए दोस्तों अब बिना देरी किए जानते हैं की Fundamental Analysis क्या है और किसी कंपनी का Fundamental Analysis कैसे करे
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Fundamental Analysis क्या है
अगर आप एक निवेशक है तो आप पता ही होता की शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए अच्छे शेयर ढूढने पड़ते है। शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने के लिए हम जिस प्रकिया से अच्छे शेयर ढूढते है, इस शेयर को ढूढने की प्रकिया को Fundamental Analysis कहते है।
Fundamental Analysis में आप किसी कंपनी की वित्तीय डाटा की जांच करके स्टॉक की इंट्रिंसिक वैल्यू को माप सकते है। यह मुख्य रूप से वित्तीय कारक पर निर्भर करता है, जिससे व्यापार और उसके वित्तीय स्थिति प्रभावित होते है।
अच्छे शेयर के ढूढने की ये प्रकिया केवल कंपनी के वित्तीय डाटा तक ही सीमित नहीं हैं इसमें अर्थव्यवस्था सिनेरियो, कंपनी की वैल्यू, कंपनी की मैनेजमेंट, वित्तीय डाटा, संस्था की बनावट, इंडस्ट्री की ग्रोथ ये सभी भी इसमें शामिल है।
Fundamental Analysis क्यों करना चाहिए
दोस्तो अगर आप शेयर मार्केट निवेश करते है तो आपको पता होगा की शेयर मार्केट में पैसा गवाने का रिस्क बहुत ज्यादा होता है, तो अगर आप इस रिस्क से बचना चाहते है तो आपको शेयर का Fundamental Analysis चाहिए।
आप बिना Fundamental Analysis किए किसी कंपनी के अगर निवेश करते हो तो वहां काफी अधिक चांसेस रहते हैं आपके नुकसान होने का। इसलिए यह बहुत ही जरूरी प्रक्रियाओं में से एक है, जिसका उपयोग सभी निवेशकों को करना चाहिए।
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Fundamental Analysis कैसे करे
अगर आप भी किसी शेयर का Fundamental Analysis करना चाहते है तो इसके लिए आपको सबसे पहले एक अच्छी सी कंपनी का चयन करना होगा जिसका कीमत बाजार में ज्यादा हो। फिर इसके बाद आप उसका Fundamental Analysis आसानी से कर सकते हैं।
दोस्तों आपने जान लिया है की ये Fundamental Analysis क्या है लेकिन अब मैं आपको बताऊंगा की Fundamental Analysis कैसे करे वैसे तो दोस्तों इसके मुख्य रूप से 2 प्रकार होते है।
पहला Technical Analysis और दूसरा Fundamental Analysis आपको इन दोनों प्रकार के Analysis को करना है, यह आपके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है।
1. Technical Analysis –
Technical Analysis इसका उपयोग हमेशा शॉर्ट टाइम के लिए किया जाता है। इसे कंपनी के बाहरी साधनों से किया जा सकता हैं, की कंपनी देखने में कैसे है और इसके तहत आप रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI), बोलिंजर बैंड्स 40- 50 टेक्निकल एंडीकेटर्स का एनालिसिस कर सकते है।
इससे आप कंपनी के मजबूती और रुझानों का अनुमान लगा सकते हैं। Technical Abalysis को हिंदी में तकनीकी विश्लेषण के नाम से भी जाना जाता है इसका मतलब होता है किसी कंपनी के प्राइस मूवमेंट को समझने में हमारी मदद करता है।
यह केवल स्टॉक्स में ही लागू नहीं होता बल्कि इसके अलावा आप अन्य प्रकार के ट्रेड योग्य निवेश करने में इसका उपयोग कर सकते हैं। कमोडिटी, करेंसी, डेरिविटीव और अन्य कई प्रकार के निवेशों में इसका उपयोग कर सकते हैं।
Technical Analysis कैसे करे
1. सबसे पहले तो आप कंपनी के चार्ट का उपयोग कर सकते है जिससे कंपनी के Share Price Movement के बारे में पता चलता है। (कंपनी की तरक्की भी उसका शेयर मार्केट ग्राफ में ही दर्शाता है।)
2. अब आपको कंपनी के शेयर प्राइस चार्ट के पैटर्न को समझना होगा की कंपनी को ग्रोथ और शेयर का मूल्य किस तरह से ऊपर जा रहा है और किस तरह से नीचे आ रहे हैं।
3. और आपको कंपनी का पुराना इतिहास भी देखना होगा क्योंकि ये भी जरूरी है, अच्छे शेयर ढूढने के लिए।
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2. Fundamental Analysis –
Fundamental Analysis का उपयोग हमेशा लॉन्ग टाइम फ्रेम के लिए किया जाता है। इसे जल्दी पैसा कमाने का टारगेट नही रखा जाता है बल्कि अपने पोर्टफोलियो को एक सही Rate of Return पर कंपाउंडिंग करने पर ध्यान दिया जाता है।
इसके आलावा आप इसमें कंपनी के फाइनेंशियल्स और P/B Ratio और P/E Ratio जैसे और अन्य राशियों का भी एनालाइज कर सकते है। फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए सबसे पहले कंपनी के अन्दर की चीज़ो को परखा जाता है की कंपनी कौनसा बिज़नेस करती है?,
कंपनी की Financial Statment क्या है, कंपनी से कौन-कौन लोग जुड़े हुए है, उन लोगो कि PERSONAL BUSINESS EXPERIENCE और BACKGROUND क्या है, इन सब चीजों की जानकारी हम फंडामेंटल एनालिसिस द्वारा ले सकते है।
Fundamental Analysis कैसे करे :-
हमने फंडामेंटल एनालिसिस करने के नीचे में कुछ तरीके बताये है, जिन्हे Follow कर आप भी आसानी किसी कंपनी का Fundamental Analysis कर सकते हैं।
1. सबसे पहले अपने बैलेंस शीट को देखे।
2. Profile & Loss Account को देखना।
3. कंपनी के Cash Flow Statement को चेक करे।
4. कंपनी के Annual Report, Financial Ratio, PE Ratio को देखे।
5. EPS Earning Per Share को देखे।
6. कंपनी के Book Value को चेक करे
7. Management Analysis पर नज़र डालें
8. Profit And Sales Growth को देखें
9. Opponent Company की जांच करें
10. जिस क्षेत्र की कंपनी है उस क्षेत्र के नियम और कानून (Law and Rules) के देखें
तो आप इन तरीको का उपयोग करके किसी भी शेयर या कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस कर सकते है। आप इन दोनो तरीके यानी की Fundamental Analysis और Technical Analysis का उपयोग करके जान सकते है की कंपनी आर्थिक रूप से कितनी स्ट्रॉन्ग है और वो कंपनी फ्यूचर में कितना ग्रोथ कर सकती है। (Fundamental Analysis क्या है)
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Fundamental Analysis के प्रकार :-
Fundamental Analysis दो प्रकार के होती है पहला Qualitative Analysis और तुर्रा Quantitative Analysis चलिए उनके बारे में भी जानते हैं-
➡️ 1. Qualitative Analysis :- Qualitative Analysis से आप किसी भी कंपनी के बिजनेस मॉडल, कंपनी क्या बिजनेस कर रही है, मैनेजमेंट एनालिसिस, प्रोडक्ट और सर्विस आदि जानकारी का एनालिसिस कर सकते है।
➡️ 2. Quantitative Analysis :- Quantitative Analysis से आप मुनाफा और नुकसान स्टेटमेंट, कंपनी की बैलेंस शीट, केस फ्लो स्टेटमेंट, कंपनी की सेल्स ग्रोथ और प्रोफिट ग्रोथ आदि की एनालिसिस कर सकते है।
Fundamental Analysis के Tools :
फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए काफी सारे अलग-अलग प्रकार के टूल्स का उपयोग किया जाता है। हालांकि, अनुभवी ट्रेडर्स के द्वारा फंडामेंटल एनालिसिस के लिए सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला कुछ टूल्स इस प्रकार है।
1. EPS (Earnings Per Share)
कंपनी की दो जरूरी वित्तीय सूचना इस प्रकार है की पहला कंपनी की कुल आय और दूसरा कंपनी के कुल शेयर की संख्या। लेकिन इन दोनो के सूचना को लेकर आप कंपनी के परफॉरमेंस कैसा है यह पता नही लगा सकते।
लेकिन यदि आप दोनों को जोड़ते हैं तब यह फंडामेंटल एनालिसिस के लिए बहुत महत्वपूर्ण टूल्स बन जाता है। यह खासकर अनुभवी ट्रेडर्स के बीच काफी प्रसिद्ध टूल है जो आपको प्रत्येक स्टॉक पर कंपनी के लाभ के बारे में जानकारी देता है।
EPS की गणना नेट इनकम या आय में प्रिफर्ड शेयर पर लाभांश की कटौती करके फिर उसके बाद कंपनी के कुल शेयर की संख्या से भाग देकर ज्ञात किया जाता है।
यानी की –
EPS = (Net Income – Preferred share Dividend)/Total no. of Share
इसका उपयोग करके आप EPS की गणना कर सकते है।
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➡️ 2. P/S Ratio (Price to Sales Ratio)
इस Ratio का उपयोग निवेशक के कंपनी पर टोटल वैल्यू की तुलना कंपनी के द्वारा उत्पन्न आय (Revenue) से किया जाता है इसकी गणना शेयर प्राइस को प्रति शेयर सेल्स से भाग देकर की जाती है।
यानी की:- (Price to Sales Ratio = Share Price/Total Sales)
➡️ 3. P/E Ratio
इस Ratio को शेयर प्राइस में आय प्रति शेयर से भाग देकर प्राप्त किया जाता है। यानी की :- ( PE Ratio = Market Value Per Share/Earning Per Share)
Fundamental Analysis के इस टूल का उपयोग निवेश के निर्णय लेने से पहले किया जाता है। इससे यह मालूम पड़ता है की किसी कंपनी का शेयर प्राइस अपने EPS के तुलना में शेयर मार्केट में कितना गुना मूल्य पर Tred कर रहा है।
➡️ 4. P/B Ratio (Price to Book Ratio)
इस टूल को Price To Equity Share के नाम से भी जाना जाता है, यह फंडामेटल एनालिसिस का एक अन्य टूल है जो कंपनी के स्टॉक प्राइस के उनके संपत्ति (Asset) आइडिया देता है। P/B Ratio को शेयर के लेटेस्ट क्लोजिंग प्राइस शेयर के बुक वैल्यू से भाग देकर प्राप्त किया जाता है।
बुक वैल्यू (Book Value) यानी कोई कंपनी अपने सारे एसेट्स को बेच देते हैं और बाकी के सारे देनदारियों को चुका देते हैं तो इसके बाद जो पैसा बचता है उसी को हम बुक वैल्यू (Book Value) कहते हैं।
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➡️ 5. Return On Equity
यह एक महत्वपूर्ण फंडामेंटल एनालिसिस टूल है इसकी मदद से नए निवेशकों को निर्णय लेने में आसानी होती है और अच्छे ROE की मदद से कंपनी की मैनेजमेंट का पता चलता है। इसकी गणना नेट इनकम को कुल इक्विटी से भाग देकर किया जाता है।
यानी की (ROE = Net Income/Total Equity) ROE एक प्रॉफिटेबिलिटी रेशों है जो हमें बताता है की एक कंपनी अपने शेयर धारकों के पैसो (equity) पर कितना Profit बना रही है।
➡️ 6. Dividend Payout Ratio
दोस्तो यह आपको मुख्य रूप से दो सूचना देता है, पहला शरेधारको को कंपनी के लाभ के आधार पर कितन लाभांश का भुगतान किया जा सकता है। दूसरा यह है की सभी फंडामेंटल एनालिसिस के आलावा, यहां पर कई और वित्तीय टूल्स मौजूद है जिनसे किसी भी कंपनी का फंडामेटल एनालिसिस किया जा सकता है।
Fundamental Analysis करने के फायदे :-
फंडामेंटल एनालिसिस करने से रिस्क काफी कम हो जाता है और प्रोफिट की उम्मीद भी काफी बड़ जाता है, कंपनी की स्थिति का पता चलता है, कंपनी क्या प्रोडक्ट सेल करती है उसके बारे में पता चलता है, लॉस और प्रोफिट के बारे में पता चलता है।
फंडामेटल एनालिसिस करने से स्टॉक मार्केट में हमारा Experience काफी ज्यादा बढ़ जाता है। Fundamental Analysis इस बात पर आधारित है की अगर कंपनी लाभ कमाती है तो उस कंपनी के शेयर का भाव निश्चित रूप से बढ़ेंगे।
इसलिए आपको भी कंपनी का Fundamental Analysis अनिवार्य रूप से करना चाहिए। अगर आप कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करते है तो अच्छे पैसे का फायदा उठा सकते हैं।
वो निवेशक जो शेयर बाजार से अच्छे पैसे कमा रहे है वो बिना फंडामेंटल एनालिसिस के पैसे नहीं कमा सकते। उन्हें भी इन चीजों का ध्यान रखना होता है, इसलिए आपसे निवेदन है की निवेश से पहले इन चीजों पर गौर जरूर करें।
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Fundamental और Technical Analysis में अंतर क्या है
दोस्तों आपने जान की Fundamental Analysis क्या है और Technical Analysis क्या है लेकिन अब मैं आपको बताऊं की Fundamental और Technical Analysis में अंतर क्या है। इनमें निम्नलिखित अंतर है-
1. फंडामेंटल एनालिसिस करना किसी विशेष कंपनी के उसके वित्तीय परफॉरमेंस से जुड़ा हुआ है। लेकिन टेक्निकल एनालिसिस में हम शेयर प्राइस को उसके मूवमेंट को चार्ट पैटर्न से जाँच करते हैं।
2. फंडामेंटल एनालिसिस में वित्तीय स्टेटमेंट्स का उपयोग करते हैं, टेक्निकल एनालिसिस में पिछले के प्राइस मूवमेंट्स का उपयोग करते हैं।
3. फंडामेंटल एनालिसिस में हम मैनेजमेंट की वित्तीय डाटा का आकलन और कंपनी की घोषणा पर निर्भर करता है जबकि टेक्निकल एनालिसिस प्राइस के मूवमेंट्स और मार्केट ट्रेंड पर निर्भर करता है।
4. फंडामेटल एनालिसिस का उपयोग हमेशा लॉन्ग टाइम फ्रेम के लिए किया जाता है जबकि टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग शॉर्ट टाइम के लिए किया जाता है।
नए लोग फंडामेटल एनालिसिस कैसे कर सकते है
अगर आप भी शेयर मार्केट के शुरुआती निवेशक है तो हमने आपको फंडामेट्ल एनालिसिस करने का नीचे कुछ तरीका बताए है –
• कंपनी को शुरुआत से समझे।
• एनालिसिस की आवश्यकता सूचना के लिए वित्तीय Ratio का उपयोग करें।
• अच्छे और विशेष कंपनी के वित्तीय रिपोर्ट के अध्यन करे।
• उसके वार्षिक रिपोर्ट को भी पढ़े,और उनके सभी प्रतियोगी कंपनी से तुलना करे।
• और कंपनी के उद्देस्य को जाने
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FAQ (Fundamental Analysis क्या होता है)
1. Fundamental Analysis के कितने प्रकार होते है ?
Fundamental Analysis दो प्रकार के होते है – Qualitative Analysis और Quantitative Analysis
2. क्या Fundamental Analysis करना जरूरी है?
जी हां दोस्तों! Fundamental Analysis करना बहुत जरूरी है।
3. Fundamental Analysis से हमें किन चीजों की जानकारी मिलती है?
Fundamental Analysis से हमें कंपनी का बिजनेस मैनेजमेंट, Important Ratios, कंपनी की स्थिति, कंपनी के पास्ट हिस्ट्री, कंपनी का मार्केटिंग स्ट्रेटजी आदि के बारे में पता चलता है।
Conclusion (Fundamental Analysis क्या है)
दोस्तों आपन इस लेख में जाना की Fundamental Analysis क्या है और Fundamental Analysis कैसे करे आशा करता हूं यह लेख आपको पसंद आया होगा साथ ही Share बाजार के बारे में काफी कुछ जानने को मिला होगा।
दोस्तों मैने तो आपको विस्तार से बता दिया है की Fundamental Analysis क्या है और कैसे करे अब आप इस तरीके का उपयोग कर अपने लिए आसानी से एक बढ़िया Stock ढूंढ सकते हैं। मैं भी जब निवेश करता हूं तो इस लेख में बताए गए तरीकों का उपयोग सबसे पहले करता हूं
इसके बाद ही मुझे कोई अच्छा Stock मिलता है जिसमें मैं निवेश कर देता हु। ज्यादार मुझे से लाभ ही हुआ है। दोस्तों ऐसा नहीं है की Fundamental Analysis आप जिस कंपनी का चयन करोगे वो आपको लाभ ही देगा, नुकसान भी दे सकता है।
क्योंकि कब कंपनी के साथ क्या हो जाए कोई नहीं बता सकता, लेकिन Fundamental Analysis कर आप रिश्क को काफी कम कर देते हैं, इसलिए यह काफी जरूरी है। आपको भी Fundamental Analysis कर Stocks का चयन करना चाहिए।
आखिर में दोस्तों आपसे बस यही कहूंगा की, इस लेख को अपने सभी दोस्तों और सभी सोसल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर जरूर करें। ताकि उन्हें भी पता चल सके कि Fundamental Analysis क्या है और कैसे किया जाता है (Company Fundamental Analysis in Hindi)
साथ ही यदि आपके मन में कोई सवाल हो तो कृपया करके कॉमेंट के माध्यम से हमसे जरूर पूछें। हम आपकी पूरी सहायता करेंगे।
धन्यवाद!
हमेशा सीखते रहिए ❤️
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