Money Market क्या है (2023) | मुद्रा बाजार की परिभाषा, प्रकार और विशेषताएं हिंदी में

Money Market क्या है

नमस्कार दोस्तों! आपका हमारे एक और नए पोस्ट में स्वागत है। आज हम Money Market क्या है इसके बारे में विस्तार से बताने वाले है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में उस देश का मार्केट काफी महत्वपूर्ण जगह निभाता है। 

मार्केट एक ऐसी जगह है जहां खरीदी या बिक्री की जाती है, जिसके कारण मुद्रा का लेन देन होता है। इस पूरे प्रकिया को ही मार्केट कहा जाता है। ऐसे में आप लोगो ने कई तरह के मार्केट के बारे में सुना होगा जैसे – मनी मार्केट, कैपिटल मार्केट, शेयर मार्केट तथा म्यूचुअल फंड। 

पर क्या आपने Money Market का नाम सुना है? किसी मूवी, खबर या वेबसरीज में इसके बारे में जरूर सुना ही होगा। तब यहां सवाल आता है, की आखिर Money Market क्या है और Money Market कैसे काम करता है

और क्या मनी मार्केट शेयर मार्केट से भिन्न है या एक ही है? आदि सभी इन प्रकारों के सवाल अगर आपके मन में है तब आज का लेख बिलकुल आपही के लिए है। क्योंकि आज हम इस लेख में इसी के बारे में बताने वाले है। यानी आज हम आपको What is Money Market in Hindi की सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है।  

तो चलिए दोस्तों बिना समय गंवाए जल्दी से Money Market क्या है इसके बारे में जान लेते है। अगर यह लेख आपको पसंद आती है तो इसे आपके दोस्तों के पास शेयर जरूर करें ताकि वे भी Money Market के बारे में जान सके।

Telegram Group👉 Click Here
WhatsApp Group👉 Click Here
Google News 👉 Click Here

Money Market क्या है (What is Money Market in Hindi)

दोस्तों आप लोगो ने बड़ी बड़ी कंपनियों या स्टार्टअप को तो देखा ही होगा। इन कंपनियों या स्टार्टटप को अपना बिजनेस चलाने के लिए पैसे की जरूरत होती है और उनके पास इन पैसों को जुटाने के कई तरीके होते है जैसे की शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, तथा कैपिटल मार्केट लेकिन इन्ही में से मुद्रा बाजार (Money Market) भी है। 

इससे भी कई कम्पनी पैसे उठाते है। दोस्तों मुद्रा बाजार में कम्पनी अपने उपकरणो/प्रतिभूतियों (शेयरों) और सम्पत्ति को गिरवी रखने के लिए किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से पैसा उधार लेती है। 

हालाकि यह पैसे कम्पनी को कम समय के लिए दिया जाता है (लगभग एक साल से भी कम समय) और एक निश्चित समय के बाद कंपनी को वह पैसे बैंक को वापस भी करना होता है, उसके बाद बैंक उस कम्पनी की सभी सिक्योरिटीज पेपर्स को वापस कर देता है। 

सरल शब्दों में कहा जाए तो ऐसी जगह जहां पर बिजनेस के लिए किसी से उधारी ले या किसी को उधारी दें वो भी 365 दिनो के काम समय के लिए तो उसे मुद्रा बाजार (Money Market) कहा जाता है। वहीं बात करें इसमें लेन देन की तो इसमे पैसों का लेन देन नगद प्रबंधन बिल, ट्रेजरी बिल, कमर्शियल बिल, कमर्शियल पेपर, बचत प्रमाण पत्र और म्यूचुअल फ़ंड के मध्यम से होता है। 

Money Market के प्रकार कौन कौन से है (Types of Money Market in Hindi)

मुद्रा बाजार के मुख्यतः दो प्रकार होते है – 

  1. असंगठित मुद्रा बाजार (Unorganized Money Market)
  2. संगठित मुद्रा बाजार (Organized Money Market)

1. असंगठित मुद्रा बाजार (Unorganized Money Market)

इस तरह के मुद्रा बाजार काफी पुराने समय से हमारे बीच चल रहे है और काफी प्रचलित भी है। इस तरह के मुद्रा बाजार में अगर आपको पैसे की जरूरत है तो आप अपने पड़ोसी या साहूकार से ले सकते है अब यहां साहूकार की मर्जी है की वो आपसे कितना ब्याज लेगा। इस तरह से मार्केट में ब्याज को नियंत्रित करने वाली कोई संस्था नहीं है।

यह भी पढ़ें : ऑप्शन ट्रेडिंग में कितना चार्ज लगता है?

2. संगठित मुद्रा बाजार (Organized Money Market)

संगठित मुद्रा बाजार एक ऐसा मुद्रा बाजार है जिसे विनियमित करने के लिए एक मान्यता प्राप्त संस्था मजूद होती है। जैसे की हमारे देश में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) है। यदि आप बैंक के लोन या पैसे लेते है तो आरबीआई तय करगी की वो बैंक कितने प्रतिशत का ब्याज आपसे ले सकता है। 

अगर आरबीआई द्वारा तय ब्याज से बैंक आपसे अधिक ब्याज लेता है तो उसपर करवाई भी हो सकती है। 

Money Market कैसे काम करता है

मुद्रा बाजार जिसे Money Market भी कहते है, यह वित्तीय बाजार का ही एक हिस्सा है। जहां ट्रेजरी बिल, वाणिज्यिक पत्र, जमा प्रमाणपत्र और पुनर्खरीद समझौते जैसे वित्तीय उपकरणों का कारोबार होता है। यह मनी मार्केट निवेशकों को तरलता प्रदान करता है। Money Market कैसे काम करता है उसके बारे में नीचे बताया हुआ है – 

1. ट्रेजरी बिल (Treasury Bills)

ट्रेजरी बिल को टी-बिल भी कहा जाता है, जिसे भारत सरकार द्वारा जारी किया है। ट्रेजरी बिल का उद्देश्य 1 वर्ष के सामान्य समय सीमा के साथ धन जुटाने का होता है। दोस्तों ये सरकार समर्थित हैं, इसलिए इन्हे निवेश का सबसे सुरक्षित जगह भी माना जाता है। चूंकि इसके जोखिम बहुत कम होता है इसलिए इसमें रिटर्न भी कम मिलता हैं।

यह भी पढ़ें : कैसे पता करें की कोई कम्पनी कर्ज मुक्त है या नहीं

2. वाणिज्यिक पत्र (Commercial Paper)

बड़ी बड़ी कंपनिया, बिजनेस और स्टार्टअप अपनी छोटे जरूरतों (अल्पकालिक) को पूरा करने के लिए धन जुटाने का आश्वासन नोट जारी करते है। जिन्हे कमर्शियल पेपर्स (CPs), प्रॉमिसरी नोट्स, वाणिज्यिक पत्र के नाम से जाना जाता है। 

दोस्तों वाणिज्यिक पत्र असुरक्षित होते है। यह पत्र कॉरपोरेट्स, प्राथमिक डीलरों और अखिल भारतीय वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी किए जाते हैं। वाणिज्यिक पत्र ट्रेजरी बिल की तुलना में अधिक रिटर्न देता है। 

3. जमा प्रमाणपत्र (Certificate of Deposit)

बैंक तथा वित्तीय संस्थान जमा प्रमाणपत्र (सीडी) जारी करते है। यह निवेशित धन राशि पर निश्चित ब्याज दर देता है। बता दे एक लाख या इससे अधिक निवेश के लिए जमा प्रमाणपत्र जारी किया जाता है, इससे कम निवेश राशि पर प्रतिबंध है। इसलिए यह व्यक्तियों के बजाय संगठनों के मध्य लोकप्रिय है। 

यह उन लोगो के लिए अच्छा है की अपने राशि को जमा कम समय के लिए करना चाहते है और उसका एक साथ ब्याज अर्जित करना चाहते है। बैंको द्वारा जारी जमा प्रमाणपत्रों की परिपक्वता मां समय सात दिन से एक साल तक का होता है। लेकिन अन्य वित्तीय संस्थान एक साल से अधिक समय के लिए जमा प्रमाणपत्र लागू कर सकते है।

यह भी पढ़ें : Share Market में कितना प्रॉफिट होता है? 

4. समझौता फिर तैयार करो (Repurchase Agreements)

यह वाणिज्यिक बैंक और आरबीआई अथवा दो वाणिज्यिक बैंकों के बीच एक समझौते को संदर्भित करता है। जो अल्पकालीन ऋण की सुविधा प्रदान करती है। इनके तहत, ऋण उपकरणों का एक निश्चित मूल्य पर कारोबार किया है, और बाद की तारीख पर और अधिक कीमत पर खरीदा जाता है। जिसमें रेपो दर का अंतर होता है। 

5. रेपो और रिवर्स रेपो बाजार (Repo and Reverse Repo Markets)

वह दर जिसमे किसी देश का केंद्रीय बैंक (भारत में केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक) देश के भीतर वाणिज्यिक बैंकों से पैसा उधार लेता है उसे रिवर्स रेपो दर कहते है। यह एक मौद्रिक नीति उपकरण है इसका उपयोग देश में धन आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। 

रेपो दर में वृद्धि का मतलब है की वाणिज्यिक बैंकों को आरबीआई के पास अपना धन जमा करने के लाए अधिक प्रोत्साहन मिल रहा है, जिससे बाजार में धन की आपूर्ति कम हो जाएगी।

6. मनी फंड (Money Fund)

अल्प-परिपक्वता, उच्च-गुणवत्ता वाले निवेशक जो खुदरा या संस्थागत निवेशकों की ओर से मुद्रा बाजार प्रतिभूतियों को खरीदते हैं।

यह भी पढ़ें : शेयर बाजार पर आधारित 6 बेहतरीन फिल्में

Money Market की विशेषताएं

  • यह फंड टर्न मार्केट फंड है।
  • यह लोगो को उनकी जरूरतों और निवेश क्षितिज के मुताबिक साधन चुनने में मदद करता है।
  • मनी मार्केट लिखतों के जरिकरताओ के पास उच्च क्रेडिट रेटिंग मौजूद होती है, इसलिए इसमें रिटर्न निश्चित होती है। 
  • और आपकी निवेशित पूंजी को खोने का जोखिम कम होता है। 
  • इसमें सभी लेन देन ईमेल, फोन, टेक्स्ट से होती है।
  • मनी मार्केट में लेने देन के लिए कोई ब्रोकर की आवश्यकता नही होती।
  • मुद्रा बाजार के अंग वाणिज्यिक बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और सेंट्रल बैंक आदि हैं।

Capital Market क्या है (What is Capital Market in Hindi) 

एक ऐसा वित्तीय बाजार जहां लंबे समय के लिए वित्तीय जरूरतों की पूर्ति की जाती है, उसे पूंजी बाजार (Capital Market) कहते है। यहां एक लंबे समय के लिए मतलब एक साल से अधिक अवधि के लिए है। अगर कोई व्यक्ति एक साल से अधिक समय के लिए पैसे उठाना चाहता है तो उसे पूंजी बाजार से ही पैसा उठाना पड़ेगा। 

सरल भाषा में कहे तो कैपिटल मार्केट एक ऐसा मार्केट है, जिसमें एक वर्ष या इससे अधिक समय के लिए Debt या Equity समर्थित प्रतिभूतियों को खरीदा या बेचा जाता है। जैसे भारत में Stock exchange, commercial bank आदि है। 

कैपिटल मार्केट एक ऐसी जगह है जो पूंजी रखने वाले तथा पूंजी के मांग करने वाले लोगो के साथ लाता है। अतः ऐसा जगह जहां आप प्रतिभूतियों का आदान प्रदान कर सकते हैं उसे कैपिटल मार्केट कहते है। पूंजी बाजार में उदाहरण NASDAQ, BSE, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और लंदन स्टॉक एक्सचेंज है। 

यह भी पढ़ें : वारेन बफेट के निवेश के नियम

Money Market और Capital Market में अंतर

अभी तक हमने आप लोगो को ऊपर Money Market क्या है और Capital Market क्या है इसके बारे में विस्तार से बताया हुआ है। अगर आपने अच्छे से पढ़ा होगा तो आपको Money Market और Capital Market में अंतर अच्छे से समझ आ गया होगा।

लेकिन अगर आपको इनके बीच अंतर को लेकर अभी भी कन्फ़्युशन है तब ऐसे में आप नीचे लेख को पढ़ सकते है क्योंकि अब हम आपको Money Market और Capital Market में क्या अंतर है इसके बारे में बताने वाले है। तो चलिए दोस्तों अब इनके बीच क्या है अंतर इसे जान लेते है –

  • सबसे पहले तो Money Market लोगो की जरूरतों को पर करता है जिसके कारण इसमें अधिक रिटर्न मिलने एम गुंजाइश कम होती है। वहीं पूंजी बाजार में अधिक रिटर्न मिल सकते है। लेकिन इसमें पैसा डूब जाने का रिस्क भी अधिक है।
  • मनी मार्केट में अधिकांस लेनदेन आरबीआई, वित्तीय संस्थान जैसे सिडबी, नाबार्ड आदि के द्वारा संपन्न होता है, इसमें निजी तौर कर वित्तीय लेन देन नही होता है। वहीं कैपिटल मार्केट में लेनदेन वित्तीय संस्थान, बैंक, पब्लिक या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, विदेशी निवेशकों, आम जनता के द्वारा संपन्न होता है। 
  • मुद्रा बाजार में लेनदेन करने के लिए आपके पास अधिक पैसे का होना आवश्यक है, वहीं पूंजी बाजार में काम पैसे होने से भी काम चल जाता है।
  • दोस्तों मुद्रा मार्केट अनौपचारिक (Informal) है जबकि पूंजी बाजार औपचारिक (Formal) है।
  • आप मुद्रा मार्केट में पैसा 1 दिन से 365 दिनो तक उठा सकते है वहीं पूंजी बाजार में पैसे को एक साल या इससे अधिक समय के लिए उठा सकते है। 

मुद्रा बाजार और पूंजी बाजार का उपयोग

मुद्रा बाजार और पूंजी बाजार दोनों का उपयोग धन जुटाने (Fundraise) में किया जाता है। दोस्तों जब भी किसी कम्पनी को अपने बिजनेस या स्टार्टअप को आगे बढ़ाने या अपने नियमित संचालन के नी पैसों को जरूरत होती है तो कम्पनी इन दोनो मार्केट से ही पैसा एकत्र करता है। जहां निवेशकों को भी कम्पनी के फायदे के आधार पर मुनाफा दिया जाता है। 

इस तरह दोस्तों अगर आप एक कम्पनी को आगे बढ़ाना चाहते है या फिर शेयर मार्केट में आकर एक अच्छा निवेशक बनान चाहते है तब तो आपको इन दोनों मार्केट से बारे में अच्छे से मालूम होनी हो चाहिए। क्योंकि आपको आगे बढ़ने में ये दोनो बाजार काफी मदद कर सकते है। 

यह भी पढ़ें : 10 सबसे बड़ी गलतियां जो निवेशक हमेशा करते है 

Telegram Group👉 Click Here
WhatsApp Group👉 Click Here
Google News 👉 Click Here

FAQs:

1. मनी मार्किट को रेगुलेट कौन करता है?

Ans. Money Market को रेगुलेट Reserve Bank of India यानी RBI द्वारा किया जाता है।

2. मुद्रा बाजार कितने प्रकार का है?

Ans. मुद्रा बाजार दो प्रकार के होते है – असंगठित और संगठित। 

3. मनी मार्केट क्या कार्य करता है?

Ans. मुद्रा बाजार में वित्तीय संस्थान और मनी क्रेडिट डीलर सम्मिलित है। जो या तो उधर लेने या उधर देने का काम करता है। 

Conclusion (Money Market क्या है) 

तो दोस्तों आज इस पोस्ट में आपने जाना की Money Market क्या है उम्मीद करते है की आप अच्छे से समझ ही गए होगे और इस पोस्ट से आपको काफी कुछ नया जानने को मिला होगा। साथ ही बता दें अगर आप एक अच्छा निवेशक बनना चाहते है तो आपको इनके बारे में जरूर पता होना जरूरी है। 

आखिर में दोस्तों अगर आपके मन में कोई भी डाउट या सवाल हो तो उसे हमे कॉमेंट करके जरूर बताएं। हम आपकी पूरी सहायता करने का प्रयास करेंगे साथ ही इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों, रिलेटिव और सभी सोशल मीडिया पर शेयर जरूर करें ताकि वो भी Money Market क्या है इसके बारे में जान सके।

और अगर आपको इसी तरह की जानकारी पसंद है तो हमारे साथ टेलीग्राम या व्हाट्सएप पर जुड़े और इस पोस्ट को 5 स्टार रेटिंग जरूर दें।

धन्यवाद!

हमेशा सीखते रहिए ❤️

Read Related Articles :

Rate this post

About The Author

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top