PE Ratio Meaning in Hindi: Hi Friends, आपका हमारे इस ब्लॉग में स्वागत है। आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे की Share बाजार में ये PE Ratio क्या होता है , PE Ratio कितना होना चाहिए , PE Ratio का उपयोग कैसे करे आदि बातों के बारे में।
अगर आप भी एक निवेशक है या निवेशक बनना चाहते है, तो आपको इस पोस्ट को जरूर पढ़ना चाहिए। Share Market के पीछे आजकल हर कोई पागल है, लोग इससे अच्छे खासे पैसे कमाना चाहते है। लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है।
शेयर मार्केट आपको जितना अधिक धन दे सकता है उतना ही आपको कंगाल भी कर सकता है। अगर इसमें सही समय, सही समझ और सही कंपनी को ध्यान में रखकर निवेश किया जाए तब नुकसान से बचा जा सकता है।
शेयर मार्केट से पैसे कमाने के लिए सबसे पहले हमे किसी कंपनी के Shares यानी Stocks खरीदने होते है, लेकिन इन शेयरों को खरीदने से पहले कई महत्वपूर्ण चीजें भी ध्यान में रखना पड़ता है, उन्ही में से एक है P/E Ratio (पीई रेश्यो)
दोस्तों P/E Ratio एक बहुत ही जरूरी चीज है, इसके बारे में सभी निवेशक को पता होना चाहिए। क्योंकि हम PE Ratio की सहायता से किसी भी शेयर/ स्टॉक के सही मूल्य का पता लगा सकते है। कोई स्टॉक हमे बहुत कम कीमत पर मिल रहा है या अधिक कीमत पर इसका पता लगाने के लिए हम PE Ratio का उपयोग करते है।
तो चलिए दोस्तों अब बिना देरी किए जानते है PE Ratio Meaning in Hindi के बारे मे।
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PE Ratio क्या होता है – PE Ratio Meaning in Hindi
PE Ratio का पूरा नाम Price to Earnings Ratio है। यह एक ऐसा तरीका है जिसकी मदद से हम किसी भी स्टॉक का सही कीमत निकाला जा सकता है। यह सबसे ज्यादा प्रचलित फाइनेंशियल रेशों भी है। यह हमे बताता है की किसी स्टॉक की कीमतें अपने EPS के हिसाब से शेयर बाजार में कितने गुना मूल्य पर ट्रेड कर रहा है।
दोस्तों यदि अभी भी PE Ratio आपको समझ नहीं आया, तो चलिए अब P/E Ratio Meaning in Hindi को एक उदाहरण द्वारा विस्तार से समझने की कोशिश करते है-
सबसे पहले यह मान लीजिए की कोई एक कंपनी है जैसे की Urja Global इस कंपनी के एक स्टॉक की कीमत अभी 10 रुपए है और कंपनी ने बीते 1 वर्षों में 100 रुपए का रिटर्न दिया है। अब मुझे इसका PE Ratio निकालना है तो इसके लिए मैं 100 ÷ 10 करूंगा।
इसे डिवाइड करने पर 10 आएगा। यही 10 रुपए उस कंपनी के स्टॉक का PE Ratio कहलाता है। यानी की यदि आपको 1 रुपए की कमाई करनी है तो Urja Global कंपनी में 10 रुपए का निवेश करना होगा।
अगर दूसरी भाषा में समझें तो यदि हम इस कंपनी में 1000 रुपए निवेश करते है तो हमे 100 रुपए का लाभ होगा और यदि 5000 रुपए निवेश करते है तो 500 रुपए का लाभ होगा। इसी प्रकार PE Ratio कार्य करता है। उम्मीद करता हूं की आपको अब PE Ratio क्या होता है समझ आगया होगा।
किसी कंपनी का PE Ratio कैसे निकाला जाता है
दोस्तों PE Ratio की गणना हेतु आपको कुछ चीजें चाहिए होंगी। भाग यानी डिवाइड करके किसी भी स्टॉक का PE Ratio निकाला जाता है।
Current Share Price ÷ EPS = P/E Ratio
मैने इसे आपको उपर में ही समझा दिया है। लेकिन यहां EPS लिखा हुआ है, अब आपके मन में यह सवाल होगा की ये EPS क्या है तो बता दूं की EPS का मतलब होता है Earning Per Share. कंपनी के इनकम में टोटल आउटस्टैंडिंग शेयर्स का भाग देकर इसे निकाला जाता है।
इससे यह पता चलता है की कोई कंपनी अपने प्रत्येक स्टॉक से कितना कमा रही है। जितना ज्यादा EPS होता है उतना ही बढ़िया माना जाता है। चलिए अब EPS की सहायता से PE Ratio कैसे निकाले यानी PE Ratio की गणना कैसे की जाती है इसका पता करते है।
इसे भी हम एक उदाहरण द्वारा ही समझने की कोशिश करेंगे-
मान लीजिये की एक कंपनी हैं जिसके कुल 1000 स्टॉक्स मौजूद हैं और कंपनी प्रति वर्ष मतलब हर एक साल में 2 लाख रूपये की कमाई करती है। ऐसे में इस कंपनी का EPS (Earning Per Share) होगा 2 लाख ÷ 1000 स्टॉक = 200 रुपए प्रति स्टॉक।
यदि कंपनी का Current Market Price 2,000 रुपए चल रहा हैं तो यहां पर PE Ratio होगा 10 रुपए (₹2,000 ÷ 200)। इससे यह पता चलता है की इस कंपनी का एक शेयर प्रति वर्ष 200 रुपए कमाता है और इस 200 को कमाने के लिए आपको 10 गुना कीमत देना पड़ेगा।
अब ऐसे में यदि किसी कंपनी के एक स्टॉक की कीमत करीब 90 रुपए है और EPS 10 रुपए है अब इसका P/E Ratio होगा –
PE Ratio = ₹90 ÷ ₹10 = ₹9
यानी की आपको एक रुपए कमाने के लिए ₹9 देना पड़ेगा।
PE Ratio के प्रकार (Types of PE Ratio in Hindi)
PE Meaning in Hindi यह तो आपने अच्छे से जान लिया। लेकिन आपको यह भी जानना चाहिए कि PE Ratio के दो प्रकार होते है और ये दोनो प्रकार निम्नलिखित है –
1. Trailing PE Ratio: किसी भी स्टॉक के Trailing PE Ratio निर्धारित करने हेतु उसके पिछले 12 महीनों की कमाई को देखा जाता है। इससे किसी भी कंपनी के प्रदर्शन का अधिक सटीक और उद्देश्यपूर्ण दृष्टिकोण प्राप्त किया जा सकता है।
2. Forward PE Ratio: Forward PE Ratio का उपयोग निवेशकों द्वारा यह आकलन करने के लिए किया जाता हैं कि भविष्य में कोई कंपन कैसा प्रदर्शन कर सकती है और इसकी अनुमानित वृद्धि दर कितनी हो सकती है।
PE Ratio कैसे काम करता है
जैसा की हमने उपर पढ़ा PE Ratio निवेशकों को कंपनी की कमाई की तुलना में स्टॉक के Market Value का आकलन करने में सहायता करता है। यानी की आप यह पता लगा सकते है कि कंपनी की पिछली कमाई और भविष्य की कमाई के आधार पर मार्केट स्टॉक के लिए कितना भुगतान कर सकता है।
यादि PE Ratio High है, तो वह आपको बताता है कि कंपनी की कमाई के हिसाब से स्टॉक की कीमत ज्यादा है। इसी तरह यदि PE Ratio Low रहेगा तो यह आपको बताता है की कंपनी की कमाई की तुलना में उसके शेयर की कीमत कम है और इसका मूल्यांकन नहीं हुआ है।
लेकिन दोस्तों आपको यह भी निर्धारित करना होगा कि शेयर की कीमत कम होने का कारण कहीं कंपनी का खराब प्रदर्शन तो नहीं है?
PE Ratio की सीमाए (Limitations of PE Ratio in Hindi)
PE Ratio क्या होता है : किसी कंपनी को जज करने का PE Ratio एक बहुत ही बढ़िया तरीका है, लेकिन मात्र PE Ratio को देखकर कभी भी शेयर नहीं खरीदना चाहिए। PE Ratio की कुछ सीमाएं भी है जिनका आपको ध्यान रखना काफी आवश्यक है। ये सीमाएं निम्नलिखित है-
- PE Ratio के मुताबिक कंपनी की कमाई स्थिर होती है परंतु वास्तविक में ऐसा बिल्कुल नहीं होता। कंपनी की कमाई अन्य कई फैक्टर्स पर भी निर्भर होता है।
- PE Ratio केवल कंपनी के कमाई के आधार पर निकाला जाता है। इसमें कंपनी के डेब्ट को नजरंदाज कर दिया जाता है। भले ही आपको कोई कंपनी मिल जायेगी जिसका PE Ratio बढ़िया होगा परंतु उस कंपनी के ऊपर काफी कर्जा भी हो सकता है जो किसी भी कंपनी और निवेशक के लिए एक अच्छा संकेत नहीं है।
- PE Ratio किसी भी कंपनी के स्टॉक की करंट मार्केट प्राइस के आधार पर ज्ञात किया जाता है जो ट्रेडिंग डे में Daily चेंज होती रहती है। इस वजह से आपको PE Ratio कभी कभी गलत पिक्चर भी दिखा सकता है।
- कोई कंपनी जिसका PE Ratio 15 है और एक और दूसरी कंपनी जिसका PE रेश्यो 10 है। इसमें 10 PE वाली कंपनी कम कीमत वाली यानी सस्ती मानी जायेगी। लेकिन इससे आपको यह पता नहीं चलेगा की कौनसी कंपनी Quality Earning कर रही है।
PE Ratio कितना होना चाहिए
PE Ratio का कोई मानक निर्धारित नहीं है। लेकिन 20 से 25 PE Ratio वाले कम्पनियों को ही Best माना जाता है। लेकिन अगर PE Ratio इससे कम हुआ तो वो आपके लिए एक अच्छी बात होगी लेकिन वहीं अगर PE Ratio और ज्यादा अधिक रहा तो आपको उस कम्पनी से दूर ही रहना है।
इसके अलावा। आप किसी भी कंपनी के PE की तुलना उसके सेक्टर व प्रतिद्वंद्वी कंपनी के PE से कर सकते हैं। इससे आपको यह अंदाजा लग जाएगा की आपको सेल्कुलेशन से जो PE प्राप्त हुआ है वह कम है या ज्यादा।
क्या केवल PE Ratio द्वारा ही किसी स्टॉक का चुनाव करना सही है?
दोस्तों अभी तक आप PE Ratio के बारे में लगभग सभी चीजें जान चुके है और यदि आप यह सोच रहे हैं कि मुझे PE Ratio निकालना तो आ गया, अब मैं अच्छे से किसी कंपनी के शेेेयर खरीद कर एक सफल निवेशक बन सकता हु, तो बता दूं की यह आप बहुत ही गलत सोच रहे हैं।
कभी कभी P/E Ratio द्वारा चुना गया स्टॉक हमें नुकसान की तरफ ले जाता है। आपको मार्केट में ऐसी काफी सारी कंपनियां मिल जाएंगी जिसकी PE Ratio में काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव होता रहता है। यानी किसी वर्ष यह बढ़ जाता है तो किसी वर्ष बहुत कम हो जाता हैै।
इसलिए दोस्तों आपको केवल PE Ratio के बलबूते निवेश नहीं करना है। बल्कि और कई फैक्टर्स होते है जिनका आपको ध्यान रखना होगा उसके बाद ही जब कोई अच्छा सा स्टॉक मिले तो उसमें निवेश करना होगा।
PE Ratio से और क्या पता चलता है?
PE Ratio द्वारा किसी कंपनी के स्टॉक के सस्ते या महंगे होने का अनुमान लगाया जा सकता हैं, लेकिन इसके अलावा भी आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि वर्तमान में शेयर बाजार महगाई में चल रहा है या सस्ते में।
वैसे तो यह उन निवेशकों के लिए जरूरी है जो यह सोचते हैं कि जब बाजार सस्ता हो जायेगा तब मैं निवेश की शुरुआत करूंगा। मार्केट अभी सस्ता है या महंगा है, यह पता करने के लिए भी आप PE Ratio का इस्तेमाल कर सकते है।
जानकारी के लिए बता दें की India में दो इंडेक्स मौजूद है। एक का नाम है सेंसेक्स और दूसरा है निफ्टी। आपने इसके बारे में पहले ही सुन रखा होगा। एक तरफ जहां सेंसेक्स 30 कंपनी का प्रतिनिधित्व करती है, तो वहीं दूसरी तरफ भारत के 50 कंपनी का प्रतिनिधित्व निफ्टी करती है।
सेंसेक्स और निफ्टी से यह पता चलता है की अभी भारतीय बाजार का क्या हाल है। दोस्तों मैं आपको यही सलाह दूंगा की यदि आप एक नये निवेशक हैं या शेयर मार्केट में अभी निवेश करने की सोच रहे हैं, तो सेंसेक्स और निफ्टी का PE Ratio एक बार जरूर चेक करे।
इससे आपको अंदाजा लग जायेगा की अभी भारतीय शेयर बाजार सस्ता है या फिर महंगा है। यदि आपको भारतीय शेयर बाजार सस्ता नजर आए तो फिर आप निवेश कर सकते हैं और यदि महंगा है तो थोड़ा इंतजार कीजिए ओर जब थोड़ा बहुत महंगाई कम होने लगे तो निवेश कर सकते हैं।
क्या PE Ratio बदलता रहता है
PE Ratio कभी भी हमेशा एक जैसा नहीं रहता यह बदलता रहता है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता की आपने एक बार जो PE Ratio ज्ञात किया है वही हमेशा के लिए सही रहेगा। मान लीजिए की किसी कंपनी का PE Ratio आज की तारीख में 15 है।
कुछ दिनों बाद कंपनी का काफी अच्छा मुनाफा हुआ और उसके शेयर की कीमतें बढ़ गई, तो इससे होगा ये की उस कंपनी का PE Ratio भी बढ़ने लगेगा। इसलिए शेयर खरीदते वक्त उस शेयर का P/E Ratio देखना भी काफी जरूरी है।
Best PE Ratio Stocks in Hindi
दोस्तों इस पोस्ट के जरिए आपको मैने PE Ratio क्या होता है (PE Ratio Meaning in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया हु। अब मैं आपको Best PE Ratio Stocks in Hindi बताने वाला हूं।
सितंबर 2023 को मैं इस पोस्ट को लिख रहा हूं और अभी के समय में जितने भी अच्छे PE स्टॉक्स है उनके से Top 10 के बारे में अभी आपको पता चल जायेगा। बाद में इनका PE कम ज्यादा भी हो सकता है। इसलिए इनमें निवेश करने से पहले एक बार खुद से रिसर्च जरूर कर लें।
No. | Stocks Name | PE Ratio |
1. | ICICI Bank Ltd | 19.45 |
2. | Mahindra and Mahindra Ltd | 18.21 |
3. | Dr Reddy’s Laboratories Ltd | 19.11 |
4. | ITC Ltd | 28.14 |
5. | HDFC Bank | 25.4 |
6. | Deepak Fertilisers And Petrochemicals Corporation Ltd | 27.01 |
7. | Archean Chemical Industries Ltd | 21.5 |
8. | Indoco Remedies Ltd | 22.69 |
9. | Wipro Ltd | 22.33 |
10. | TCS Ltd | 29.96 |
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FAQs:
1. एक अच्छा पीई अनुपात क्या है?
एक अच्छा PE अनुपात औसतन 20 से 25 होता है। लेकिन अगर PE अनुमत इससे अधिक रहा तो वह उच्च ओर कम रहा तो निम्न कहलाएगा।
2. क्या 40 का पीई अनुपात अच्छा है?
यदि किसी कम्पनी का पीई अनुपात 40 है तो उसका मतलब है की कम्पनी उच्च PE Ratio वाली कम्पनी है।
3. टेस्ला का पी ई रेश्यो इतना ज्यादा क्यों है?
टेस्ला ने खुद को इलेक्ट्रिक वाहन के सेक्टर में एक अग्रणी कम्पनी के रूप में स्थापित किया है। साथ ही ऊर्जा भंडारण और सौर ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में भी काफी अच्छे से विस्तार किया है। ऐसा करने हेतु टेस्ला पूंजीगत व्यय पर कड़ी अधिक पैसा खर्च करता है और यही कारण है की टेस्ला का पी ई रेश्यो इतना ज्यादा है।
Conclusion (PE Ratio क्या होता है)
तो दोस्तों, यह था PE Ratio क्या होता है उम्मीद करता हूं की आपको यह पोस्ट अच्छी लगी होगी, साथ ही इससे काफी कुछ नया सीखने को भी मिला होगा। मैने आपको PE Ratio क्या होता है के बारे में सभी चीजें बता दी है। अब आप इसका इस्तेमाल एक अच्छे स्टॉक का चयन करने में कर सकते हैं।
लेकिन पूरी तरीके से इसके ऊपर ही निर्भर न रहे, आप जिस स्टॉक में निवेश करेंगे उसके बारे में और भी जानकारी हासिल कर ले उसके बाद हो निवेश करने की सोचे। ऐसे में आप नुकसान होने से बच सकते हैं।
किसी भी स्टॉक के बारे में पता लगाने के कई सारे पैरामीटर होते है, जिनमें से PE Ratio एक है। अब आखिर में अलविदा कहने का भी समय आ गया है और आपसे जाते जाते बस यही कहना चाहूंगा की यदि आपके मन में अभी भी PE Ratio को लेकर कोई सवाल या डाउट है तो आप कॉमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं।
साथ ही इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों और सोसल मीडिया पर भी शेयर करें, ताकि अन्य लोगों को ही पता चल सके की आखिर किस चिड़िया का नाम PE Ratio है और इस पोस्ट को 5 स्टार रेटिंग जरूर दे। इसके अलावा अगर आपको इसी तरह की जानकारी पसंद है तो हमारे साथ टेलीग्राम या व्हाट्सएप पर जुड़े।
धन्यवाद!
हमेशा सीखते रहिए ♥️
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Man lo share price 5 rupye hai or aapne 100 rupye ke share kharide to kuchh din me share price 10 rupye ho jayega to aapke 100 rupye jo hai vo 200 bn jayenge. Is prakar aaapkp 10 rupye ke stock price par 100 rupye company ke taraf se return milega.