टैक्स कितने प्रकार के होते है : नमस्कार दोस्तों! आपका हमारे एक और नए ब्लॉग पोस्ट में स्वागत है। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से टैक्स के बारे में बताने वाले है, की Tax Kitne Prakar Ke Hote Hain
तो दोस्तो आप चाहे देश के किसी भी कोने में रहते हों, लेकिन आपको स्थानीय सरकार को टैक्स का भुगतान करना ही पड़ेगा। ऐसे में आपको भारत में उपस्थित सभी करों के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। क्योंकि आजकल कर (Tax) में चोरी भी हो जाती है।
ऐसे में दोस्तों आपको कर के विभिन्न प्रकारों के बारे में मालूम होना चाहिए। इसलिए आज हम आपको टैक्स कितने प्रकार के होते है , इसके बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है। अगर आप इस विषय के बारे में जानने को इस्छुक है तब आप इस लेख को अंतिम तक जरूर पढ़िए।
लेकिन सबसे पहले हम जानेंगे की टैक्स क्या है, ताकि आपको इसके प्रकारों को समझने में आसानी हो सके।
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टैक्स क्या है – What is Tax in Hindi
Tax Kitne Prakar Ke Hote Hain इसे जानने से पहले चलिए जान लेते है टैक्स क्या होता है क्योंकि किसी भी चीज को हमें हमेशा पहले लेवल से जानना चाहिए।
किसी राज्य द्वारा व्यक्तियों या विविध संस्था से सरकार द्वारा जो अधिभार या धन लिया जाता है, उसको कर या टैक्स कहते है। इस टैक्स शब्द को लेटिन के “टैक्सों” से लिया गया है। टैक्स एक प्रकार का अनिवार्य शुल्क होता है, जिसका भुगतान हर व्यक्ति को करना होता है। अगर कोई व्यक्ति टैक्स भुगतान नहीं करता है, तो उसे कानूनी रूप से दंडित भी किया जा सकता है।
बता दे की भारत के संविधान में सरकार को कर लगाने का अधिकार प्राप्त है। जिसे राज्य सरकार व केंद्र सरकार के माध्यम से हर एक व्यक्ति से लिया जाता है। सरकार कर द्वारा ही राजस्व जुटा पता है और देश को चलाता है। चलिए अब भारत में करों के प्रकार के बारे में जान लेते हैं
टैक्स कितने प्रकार के होते है
दोस्तों व्यक्ति हो या फिर कोई कंपनी सभी की किसी न किसी रूप में सरकार को टैक्स देना ही होता है। तो चलिए दोस्तों अब भारत के विभिन्न प्रकार के कर पर नजर डालते है। यानी Tax Kitne Prakar Ke Hote Hain के होते है इसके बारे ने जान लेते है।
भारत ने मुख्य रूप से टैक्स दो प्रकार के होते है पहला प्रत्यक्ष कर और दूसरा अप्रत्यक्ष कर।
1. प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
जिस प्रकार के कर का भुगतान हम सीधे तौर कर सरकार को करते है उसे प्रत्यक्ष कर कहते है। बता दें दोस्तों ये सीधे तौर पर एक व्यक्ति पर लगाए जाते है, जिसके कारण इसमें कोई अलग व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं कर सकता है और यह कई प्रकार के करों का मिश्रण होता है।
इसका मुख्य उदाहरण देखे तो उसमें इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स और सम्पति कर है। प्रत्यक्ष कर के भी कुछ प्रकार होते हैं जैसे की –
1.1. आयकर (Income Tax)
आयकर एक ऐसा कर है, जिसे व्यवसायों और व्यक्तियों के अर्जित आय पर लगाया जाता है। आयकर को प्रत्यक्ष कर का ही भाग कहा जाता है, क्योंकि आप इसे सीधे सरकार को भुगतान करते है। आयकर आपकी आय पर लगने वाला वह कर होता है, जिसे सैलरी, किराये की इनकम या किसी व्यवसाय पर लगाया जाता है।
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1.2. निगमित कर (Corporate Tax)
इस टैक्स का आशय ऐसे टैक्स से है जिसे बड़ी बड़ी कंपनियों के प्रॉफिट या इनकम में लगाया जाता है। यह टैक्स कम्पनी की तरफ से आता है। बता दें पहले यह टैक्स कंपनियों पर 30% लगता था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसकी दर को घटाकर 22% किया गया।
निगमित कर को और कुछ भागों में बांट गया है, जैसे:-
- अनुषंगी लाभ कर (Fringe Benefits Tax)
- न्यूनतम वैकल्पिक कर (Minimum Alternate Tax)
- लाभांश वितरण कर (Dividend Distribution Tax)
- प्रतिभूति लेनदेन (Securities Transaction Tax)
1.3. संपत्ति कर (Property Tax)
संपत्ति कर एक ऐसा कर होता है जिसको नगर पालिका अधिकारियों द्वारा संपत्ति के मालिकों पर लगाया जाता है। आमतौर पर यह टैक्स सभी प्रकार के संपत्तियों पर लगाया जाता है, जिसमें घर भी शामिल है। हालाकि, यह टैक्स उन खाली जगह पर लागू नहीं होता जिसके आसपास कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ हैं।
1.4. उपहार कर (Gift Tax)
टैक्स कितने प्रकार के होते है इस टैक्स की शुरुआत 1 अप्रेल 1958 को लागू किया गया था। यह एक प्रकार का प्रत्यक्ष कर है, जो मात्र जम्मू–कश्मीर को छोड़कर बाकी सभी राज्य में लागू होता है। बता दें इस कर को 25 हजार या इससे अधिक कीमत वाले उपहारों में लगाया जाता है। हालाकि इसे 1998 में बंद कर दिया गया था, लेकिन इसे 2004 में फिर से चालू कर दिया गया है।
1.5. पूंजी लाभ कर (Capital Gain Tax)
किसी भी प्रकार के संपति में या निवेश करना जैसे शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, एसआईपी आदि को बेचने पर कैपिटल गेन कर लगाया जाता है। यह कर भी 2 प्रकार के होते है –
- शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Short Term Capital Gains Tax) – एक साल से कम समय में शेयर को बेचने पर जितना प्रॉफिट होता है, उसमे 15% की दर से शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लागू होता है।
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (Long Term Capital Gains Tax) – एक साल या इससे अधिक समय के बाद शेयर को बेचने से अगर 1 लाख से ज्यादा का प्रॉफिट होती है, तो उसमें 10% की दर से यह कर लागू होता है।
2. अप्रत्क्षय कर (Indirect Tax)
अप्रत्क्षय कर से आशय ऐसे कर से है जिसे लगभग सभी प्रकार के वस्तु और सेवाओं पर लगाया जाता है। यानी की यह कर सीधे तौर पर किसी व्यक्ति के आय में लागू नहीं होता है। अप्रत्यक्ष कर टैक्स कितने प्रकार के होते है के लिस्ट में दूसरे स्थान पर आता है।
अगर अप्रत्क्षय कर की बात की जाए तो जब कोई व्यक्ति मार्केट से किसी भी कीमत का समान खरीदता है, तो उस समान में टैक्स जुड़ा होता है। जिसे GST (Goods and Services Tax) के नाम से जानते है। यह भी अप्रत्यक्ष कर के अंतर्गत आता है।
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GST भी दो प्रकार के होते है – SGST (State Goods and Service Tax) और CGST (Central Goods and Services Tax) ये दोनो कर ही अप्रत्क्षय कर के अंतर्गत शामिल है।
इसके अलावा अप्रत्क्षय कर के और भी कुछ प्रकार होते है, जिसके बारे में विस्तार से हमने नीचे में बताया हुआ है।
2.1. सेवा कर (Service Tax)
यह एक ऐसा कर है जिसे लोगो को दी जाने वाली सेवाओं पर लगाया जाता है और इस कर की भुगतान करने की जिम्मेदारी सेवा प्रदान करने वाले की होती है। यह एक प्रकार का अप्रत्यक्षकर होता है, क्योंकि सेवा प्रदान करने वाला व्यक्ति अपने व्यावसायिक लेन देन करके सेवा प्राप्त करने वाले व्यक्ति से टैक्स वसूलता है।
2.2. उत्पाद शुल्क (Excise Duty)
उत्पाद शुल्क एक अप्रत्क्षय कर है। जो देश में उत्पादित होने वाले वस्तुओं पर लागू होता है। जानकारी के लिए बता दें की यह कर मुख्य रूप से उन वस्तुओं पर लगाया जाता है जिनकी मूल्य अधिक माने जाते है।
2.3. सीमा शुल्क (Custom Duty)
सीमा शुल्क भी एक प्रकार का अप्रत्क्षय कर होता है, जिसे भारत में आयातित उत्पादों पर लगाया जाता है और यह कर केंद्र सरकार द्वारा लगाया और वसूला जाता है।
2.5. मनोरंजन कर (Entertainment Tax)
यह एक प्रकार का अप्रत्क्षय कर होता है, जिसे सरकार द्वारा फिल्मो, टेलीविज़न, प्रदर्शनियों, वेबसेरिस आदि पर लगाया जाता है।
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FAQs:
1. भारत में कर कितने प्रकार के हैं?
भारत में कर 2 प्रकार के है- प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर।
2. जीएसटी कौन सा टैक्स है?
जीएसटी एक प्रकार का अप्रत्क्षय कर यानी Indirect Tax है, जो की विनिर्माण से लेकर उपभोक्ता तक सेवाओं और वस्तुओ की आपूर्ति पर एक लगाया जाता है। जैसे की हम कुछ सामान खरीदते हीं तो उसमें GST जुड़ा होता है।
3. सरकारें कर क्यों लगाती हैं?
कर लगाने का पहला उद्देश्य कर लगाकर राजस्व उत्पन्न करना है। फिर इसके बाद प्राप्त धन को अन्य जगहों जैसे के सड़क और सार्वजनिक अवसंरचना पुनर्वास, आदि में प्रसारित किया जाता है।
4. टैक्स नहीं देने पर क्या होता है?
जो कमाई कर रहा है और वह सरकार को टैक्स का भुगतान नहीं करता है, यह उनपर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 276 सीसी (Section 276 CC) के तहत केस दर्ज किया जा सकता है।
Conclusion (टैक्स कितने प्रकार के होते है)
इस आर्टिकल के सहायता से आप लोगो ने जाना के Tax Kitne Prakar Ke Hote Hain और Tax Kya Hai हम आशा करते है की आप लोगो को ये अब अच्छे से समझ आ गया होगा। हमने कोशिश की है की आपको भारत में करों के प्रकार को आसान शब्दों में समझाएं,
लेकिन अगर आपके मन में कोई संदेह या सवाल अभी भी होगा तो कृपया कॉमेंट करके जरूर पूछें, हम आपकी सहायता अवश्य करेंगे। दोस्तों भारत में जो करों के प्रकार है, वो विभिन्न प्रकार के पहलुओं पर काम करते है।और ये दो प्रकार के होते है- प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष।
और ये दोनो ही कर देश के आर्थिक विकास के दृष्टि से बहुत ही ज्यादा आवश्यक है। इसलिए देश की विकाश को देखते हुए अपनी इनकम के हिसाब से टैक्स का भुगतान करना ही चाहिए। आपसे निवेदन है की इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों के साथ शेयर करें ताकि उन्हें भी पता चल सके कि टैक्स कितने प्रकार के होते है
और वे भी टैक्स की चोरी न करें बल्कि इसका भुगतान करें, हमारे इस पोस्ट को 5 स्टार रेटिंग जरूर दें। साथ ही इसी तरह की जानकारी हेतु हमारे साथ टेलीग्राम या व्हाट्सएप पर जुड़े।
धन्यवाद!
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