नमस्कार दोस्तों! आपका हमारे एक और नए ब्लॉग पोस्ट में स्वागत है, आज हम आपको अडानी कैपिटल के बारे में बताने वाले है। दरअसल, गौतम अडानी ने इसको लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। यह माना जा रहा है, की 10 साल पुराने इस कम्पनी को अब बिकने वाली है। अडानी इस बिजनेस को समेटने की योजना बना रहे हैं, माना जा रहा है कि जल्द ही इसके लिए बोली शुरू हो जाएगी। तो दोस्तों अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते है, तब आपको इस आर्टिकल को अंतिम तक पढ़ना चाहिए।
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हिंडनबर्ग का असर: दोस्तों जब से अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने अडानी समूह (Adani Group) को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की है उसके बाद से ही अडानी समूह ताबड़तोड फैसले के ऊपर फिसलें ले रहा है। इस हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण अडानी की कम्पनी मुस्किल से भरा जा रहा है। जिसके चलते अब कम्पनी अपने कई कारोबार अपने हाथ से समेट रही है। और बता दें इसका असर 10 साल पुराने कम्पनी अडानी कैपिटल पर भी देखने को मिल रहा है।
10 साल पुराने इस कंपनी को समेटने का प्लान: दरअसल, दोस्तों गौतम अडानी की कम्पनी अडानी समूह नॉन बैंकिंग फाइनेंस सेक्टर से अपना कारोबार समेटने की तैयारी कर रही है। बता दें अडानी समूह की 10 साल पुरानी कम्पनी अडानी कैपिटल को बेचने की तैयार हो रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी नॉन कोर बिजनेस को समेटने की तैयारी में है, और अपना पूरा फोकस मेन बिजनेस पर लगता चाहती है। जिसके कारण अब अडानी कैपिटल को बेचने की तैयारी ही रही है।
विदेश कम्पनी है कतार में: दोस्तों अडानी की इस कम्पनी को खरीदने के लिए बहुत सी विदेशी कम्पनियां कतार में है। रिपोर्ट के मुताबिक कार्लाइल ग्रुप, प्राइवेट इक्विटी फर्म बेन कैपिटल और सेर्बेरस कैपिटल मैनेजमेंट गौतम अडानी की इस 10 साल पुरानी कंपनी को खरीदने की होड़ में सबसे आगे है। दोस्तों अडानी का यह कम्पनी एक शैडो की तरह है, जिसको अब खरीदने की दिलचस्पी विदेशी कंपनी में दिखाई दे रही है। अब अगले कुछ हफ्ते में बोलियां लगाने की तैयारी हो रही है।
क्यों बेचा जा रहा है ये कम्पनी: दोस्तों रिपोर्ट में मुताबिक अडानी समूह अपने इस शैडो बैंक को इसलिए बेचना चाहता है, क्योंकि वो ऐसे गैर-प्रमुख बिजनेस से निकलकर अपना पूरा फोकस मेन कारोबार पर लगता चाहते है। बता दे अब अडानी उन सभी बिजनेस से बाहर निकलना चाहते है, जिससे उनको ज्यादा प्रॉफिट नहीं हुआ है। अब अडानी समूह इस 2000 करोड़ की कम्पनी को बेचकर फंड जुटा लेगी, जो मेन कारोबार को आगे बढ़ाने में सहायक होगा। और बता दें अडानी की इस कंपनी की कमान पूर्व लेहमैन ब्रदर्स और मैक्वेरी निवेश बैंकर गौरव गुप्ता कर रहे हैं।
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अडानी कैपिटल का काम: अडानी का यह कंपनी अडानी कैपिटल फार्म इक्विपमेंट लोन, कमर्शियल व्हीकल लोन, बिजनेस लोन और सप्लाई चेन फाइनेंस के तौर पर काम करती है। कंपनी यूनिट हाउसिंग फाइनेंस के रूप में काम करती है।
📢 DESCLAIMER 📢 : दोस्तों Paisa Verse आपको केवल शेयर बाजार अर्थात किसी कम्पनी के बारे में जानकारी देता है। यहां किसी भी प्रकार का निवेश करने का सलाह नहीं दिया गया है। हम SEBI द्वारा रजिस्टर्ड फाइनेंशियल एडवाइजर नहीं है। हमारा काम सिर्फ जानकारी देना है निवेश करने की सलाह हम नहीं देते। इसलिए आप निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें और खुद के रिश्क में ही निवेश करें।